प्रयागराज। वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी भूमि स्वामित्व विवाद मामले में वाराणसी कोर्ट ने मंगलवार को व्यास तहखाने में हिन्दू पक्ष को पूजा करने का अधिकार दे दिया है। कोर्ट ने प्रशासन को सात दिन में व्यवस्था करने के आदेश दिए है। वर्ष 1993 के बाद से यहां पूजा नहीं हो रही थी। अब 31 साल बाद पूजा शुरू होगी।
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि सात दिनों के भीतर पूजा शुरू हो जाएगी। सभी को पूजा करने का अधिकार होगा। हिंदू पक्ष को ‘व्यास तहखाने में पूजा करने की इजाजत दी गई। जिला प्रशासन को 7 दिन के अंदर व्यवस्था करनी होगी। इससे पहले कोर्ट की इजाजत से 17 जनवरी को व्यासजी तहखाने को जिला प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया था।
हिंदू पक्ष ने मां श्रृंगार गौरी स्थल पर निर्बाध पूजा के अधिकार की मांग करते हुए वाराणसी अदालत में मुकदमा दायर किया था। हालांकि, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी इस दावे का खंडन करती है कि मस्जिद एक मंदिर के ऊपर बनाई गई थी। उसका कहना है कि उस जगह हमेशा से मस्जिद ही रही है।
गत 25 जनवरी को एएसआई सर्वे की रिपोर्ट सार्वजनिक की गई थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक परिसर के अंदर भगवान विष्णु, गणेशजी और शिवलिंग की मूर्ति मिली है। पूरे परिसर को स्ट्रक्चर पर खड़ा बताते हुए 34 साक्ष्य का जिक्र किया गया है। एएसआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्ञानवापी में एक बड़ा हिंदू मंदिर था।
About Author
You may also like
-
हिन्दुस्तान जिंक की सीएसआर पहल से जन्मी सखी उत्पादन समिति : ग्रामीण भारत की महिलाएं बदल रहीं हैं भविष्य की तस्वीर
-
बीआईएस प्रमाणित हेलमेट ही करें इस्तेमाल : केंद्र सरकार की उपभोक्ताओं से अपील
-
मध्यप्रदेश में दो कत्ल और एक सवाल : क्या औरत होना अब भी खता है?
-
हिन्दुस्तान ज़िंक लिमिटेड ने की समावेशी भाषा गाइडबुक लॉन्च : सम्मान की भाषा, समानता का सफर, सामाजिक और भावनात्मक दस्तावेज़
-
इश्क़ का आख़िरी वार : बस स्टैंड पर संस्कृत टीचर की हत्या