अपहरण, लूट और दहशत – दो इनामी अपराधी आखिरकार सलाखों के पीछे

चित्तौड़गढ़ की शांत फिज़ाओं में जनवरी की एक रात अचानक सनसनी फैल गई। रावतभाटा इलाके से खबर आई कि एक किराए की होंडा अमेज कार लूट ली गई है। पर मामला यहीं नहीं थमा—उसी कार से दो सगी नाबालिग बहनों को अंधेरे में उठा ले जाया गया। इलाके में दहशत और घर-घर में बेचैनी पसर गई।
पुलिस ने तुरंत केस को गंभीरता से लिया। जिला पुलिस अधीक्षक ने विशेष टीम बनाई, जिसकी कमान एएसपी भगवत सिंह हिंगड़ और डीएसपी कमल प्रसाद को सौंपी गई। थानाधिकारी रायसल सिंह और उनकी टीम ने कड़ी मशक्कत शुरू की। पहले ही चरण में आरोपी प्रकाश वर्मा गिरफ्त में आ गया और लूटी गई कार भी बरामद हो गई। लेकिन असली सरगना—भूपेंद्र सिंह राजपूत और उसका साथी संदीप सिंह राजपूत—जमीन निगल गई या आसमान, कहीं गुम हो गए।
महीनों की पीछा-गिरी और लगातार दबिशों के बाद आखिरकार भाग्य ने पुलिस का साथ दिया।
भूपेंद्र सिंह राजपूत (23) को मध्य प्रदेश के सिहोर से दबोचा गया। उसके खिलाफ पहले से ही मारपीट, आर्म्स एक्ट, बलात्कार और पॉक्सो जैसे संगीन मामले दर्ज थे।
 वहीं संदीप सिंह राजपूत (21) को बूंदी जिले में पुलिस ने घेराबंदी कर गिरफ्तार किया।
दोनों पर पहले से 5-5 हजार का इनाम घोषित था। गिरफ्तारी की खबर से इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली। पुलिस अब उनसे पूछताछ कर रही है, ताकि इस आपराधिक जाल के और धागे खुल सकें।
रावतभाटा का यह केस एक बार फिर साबित करता है कि अपराधी चाहे कितना भी शातिर क्यों न हो, कानून के लंबे हाथों से बच पाना नामुमकिन है।

About Author

Leave a Reply