उदयपुर में महिलाओं का हरियाली का मेला : संस्कृति, सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण का संगम

फोटो : कमल कुमावत

प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाई
हरियाली के मेले में पर्यावरण संरक्षण और पौधारोपण पर विशेष जोर दिया गया, जिससे महिलाएं स्थायी जीवनशैली के महत्व को समझ सकें।

स्थानीय हस्तशिल्प का अनूठा प्रदर्शन
महिलाओं ने मेले में अपने द्वारा निर्मित हस्तशिल्प, कढ़ाई, बुनाई और अन्य पारंपरिक कला का प्रदर्शन और बिक्री की, जिससे उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद मिली।

स्वास्थ्य और कल्याण के लिए विशेष शिविर आयोजित
महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए विभिन्न स्वास्थ्य जांच और योग, ध्यान जैसी गतिविधियों का आयोजन किया गया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों में महिलाओं ने बिखेरा जलवा
मेले में नृत्य, संगीत, नाटक और लोकगीत जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जो महिलाओं को मनोरंजन और आनंद का अवसर प्रदान करते हैं।

उद्यमिता को मिला प्रोत्साहन
मेले ने महिलाओं को अपने उत्पाद बेचने और विपणन करने का अवसर प्रदान किया, जिससे उन्हें स्वरोजगार के नए अवसर मिले और वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकीं।

सामाजिक एकता और सशक्तिकरण को बढ़ावा
हरियाली का मेला सामाजिक बंधन को मजबूत करता है और महिलाओं को एक-दूसरे से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है, जिससे उन्हें सशक्तिकरण और सामाजिक समर्थन मिलता है।

महिला पार्षदों के बीच हुई लहरियां प्रतियोगिता,
विजेता पार्षद को नवाज़ा पुरुस्कार से
सांस्कृतिक समिति अध्यक्षा चंद्रकला बोल्या के अनुसार हरियाली अमावस्या मेले के दूसरे दिन सोमवार को नगर निगम द्वारा महिला पार्षदों की लहरिया प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें महिला पार्षदों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। रोमांचित हुए मुकाबले में पार्षद सोनिका जैन को प्रथम घोषित किया गया, द्वितीय स्थान पर नेहा कुनावत व तृतीय स्थान माधुरी राठौड़ पर रही। सभी विजेताओं को नगर निगम सांस्कृतिक समिति अध्यक्ष चंद्रकला बोल्या ने शील्ड व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। लहरिया प्रतियोगिता में प्रतिभागियों का निर्णय जज डॉ.सपना मावतवाल, डॉ निशा सिंघवी द्वारा किया गया।

महिला पार्षदों ने किया डांस
हरियाली अमावस्या के मेले में दूसरे दिन आयोजित हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम में नगर निगम की महिला पार्षदों द्वारा भी जमकर डांस किया गया।पार्षदों ने जी भर कर राजस्थानी एवं संगीत गानों पर डांस करते हुए खूब ठहाके लगाए।


सुरक्षा व्यवस्था का खास रहा इंतजाम
गुम हुए बच्चो को फिर मिलवाया परिजनों से।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर निगम ने जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन की सहायता के साथ साथ महिला होमगार्ड जवानों का भी विशेष तौर पर सहयोग लिया गया। समिति अध्यक्ष चंद्रकला बोल्या अनुसार मेले में 16 बिछड़े बच्चो को फिर से परिजनों से मिलाया गया, इस कार्य हेतु दूसरे दिन भी निगम की एक टीम अलग से रखी गयी व कल की भांति गुमसुद बच्चो को परिजनों के सुपुर्द करते हुए निगम कर्मचारियों द्वारा बच्चे के साथ परिजन का फोटो लेकर फिर ही बच्चे को सोपा गया।


पुलिस बैंड ने मचाया धमाल
हरियाली अमावस्या के मेले में दूसरे दिन पुलिस बैंड द्वारा अपनी उम्दा प्रस्तुतियां प्रस्तुत दी गई। 15 जवानों के ग्रुप द्वारा राजस्थानी एवं देशभक्ति गीतो के माध्यम से मेलार्थियों का मनोरंजन किया। कई महिलाओं ने पुलिस बैंड की धुनों पर जमकर डांस किया।

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