सवाई माधोपुर। थाना कुण्डेरा क्षेत्र के जमूलखेड़ा निवासी एक युवक घनश्याम ऑनलाइन गेम की लत के कारण कर्जे में आ गया। भारी कर्ज के चलते रेलवे स्टेशन पर बाइक पार्क कर कई शहरों में घुमा। बाद में खुद के अपहरण का नाटक कर परिजनों से पैसे मांगे। इस बीच युवक की तलाश कर रही पुलिस की टीम करीब 2500 किलोमीटर तक पीछा कर चित्तौड़गढ़ जिले में एक गेस्ट हाउस से युवक को दस्तयाब कर घटना का खुलासा किया।
एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला ने बताया कि 1 जून को जमुल खेड़ा निवासी राजेश माली द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि उसका भाई घनश्याम कल से लापता है। एक मोबाइल नंबर से उनके पास व्हाट्सएप कॉल और वॉइस मैसेज आ रहे हैं। जिसमें घनश्याम के रोने की आवाज और पैसे देने की मांग की जा रही है। रिपोर्ट पर अपहरण का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई।
*चित्तौड़गढ़ में गेस्ट हाउस से किया दस्तयाब*
घटना की गम्भीरता को देखते हुए एएसपी हिमांशु शर्मा, सीओ राजवीर सिंह चम्पावत के निर्देशन और एसएचओ रामवीर सिंह के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया। सीसीटीवी कैमरों की फुटज में अंतिम बार घनश्याम रेलवे स्टेशन के बाहर घूमता दिखाई दिया। जिसकी बाईक रेल्वे स्टेशन की पार्किंग में खड़ी हुई पायी गई।
तकनीकी अनुंसधान के आधार पर टीमों द्वारा अपहृत घनश्याम को चित्तौड़गढ़, उदयपुर, मन्दसौर, इन्दौर, उज्जैन, जोधपुर, रामदेवरा तक करीब 2500 किलोमीटर तक पीछा किया गया। पुलिस की विशेष टीम ने अपहृत घनश्याम के मडाफिया चितौडगढ़ में गेस्ट हाउस से दबोचने मे सफलता प्राप्त की।
*ऑन लाईन गेम मे पैसा हारने पर अपहरण की झूठी कहानी बनाई*
अपहृत घनश्याम ने अपने स्वयं के अपहरण की झूठी कहानी रची थी। घनश्याम ऑनलाईन जुआ / गेम खेलता था, जिसमे करीब 5-7 लाख रूपये हार गया। कर्जे के कारण मानसिक तनाव में आ गया। घर वाले उसे पैसे नही देते थें। जिसके कारण उसने अपने अपहरण की झूठी कहानी बनाई।
अपनी मोटर साईकिल को रेल्वे पार्किग में खड़ा कर 30 मई को बस से कोटा चला गया। उसके बाद चित्तौडगढ़ सांवलिया, उज्जैन महाकालेश्वर रामदेवरा इत्यादी धार्मिक स्थलों दर्शन कर घुमा। मोबाईल बन्द कर अन्य साधनो से व्हाट्स अप चलाता रहा। घर वालो को बोलता रहा कि एक पैर तोड़ दिया, दूसरा भी तोड़ देगे एवं मारने की धमकी देकर पैसे लेने के लिए कॉल करता रहा। पुलिस की टीमों द्वारा लगातार पांच दिन कर घनश्याम का पीछा किया गया।
एसपी अग्रवाला ने बताया कि अपहरण की झूठी कहानी के लिए घनश्याम के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। टीम में एसएचओ रामवीर सिंह, अजीत मोगा सायबर सेल, सहायक उप निरीक्षक इन्द्रजीत, कांस्टेबल साइबर सेल दयाशंकर, गोविन्द, धनराज, गोरधन व राजकुमार शामिल थे।
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