जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि उदयपुर जिले में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय द्वारा संचालित राणा पुंजा भील छात्रावास में अनुसूचित जनजाति छात्रों को प्रवेश में वरियता दी जाती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनजाति के सभी छात्रों को प्रवेश देने के बाद भी सीटें शेष रहने पर ही अन्य छात्रों को प्रवेश दिया जाता है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्यों द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्नों का जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री की ओर से जवाब देते हुए कहा कि अनुसूचित जनजाति के छात्रों को छात्रावास की सुविधा देने के लिए टीएडी द्वारा मोहनलाल सुखाडिया विश्वविदयालय केम्प्स के पास राणा पुंजा भील छात्रावास का निर्माण किया गया था। उन्होंने बताया कि निर्माण के बाद संचालन का जिम्मा विश्वविद्यालय को ही दिया गया है। संचालन लिए टीएडी द्वारा किसी भी तरह का बजट नहीं दिया जाता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में छात्रावास की सभी 100 सीटें भरी हुई हैं।
इससे पहले चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने विधायक श्री राजकुमार रोत के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि उदयपुर जिले के मोहनलाल सुखाडिया विश्वविदयालय केम्पस के पास बने राणा पुंजा भील छात्रावास का निर्माण टीएडी मद में प्राप्त 188 लाख रुपये की राशि से वर्ष 2013 में किया गया।उन्होंने बताया कि वर्तमान में उक्त छात्रावास में प्रवेश तथा संचालन जनजाति के छात्रों के लिए विभाग द्वारा नहीं किया जाकर मोहनलाल सुखाडिया विश्वयविदयालय द्वारा ही किया जा रहा है।
श्री मीणा ने कहा कि छात्रावास का निर्माण जनजाति छात्रों हेतु जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग से उपलब्ध कराई गई राशि से कार्यकारी एजेन्सी मोहन लाल सुखाडिया विश्वविदयालय द्वारा ही विश्व विद्यालय परिसर में उनकी भूमि पर ही करवाया गया है। उन्होंने बताया कि कार्य पूर्ण होने के उपरांत उक्त भवन संचालन एवं संधारण विश्वविदयालय के अधीन हैं। उन्होंने कहा कि उक्त छात्रावास को पुन: जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के अन्तर्गत रखने का कोई प्रस्ताव विभाग में विचाराधीन नही है।
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