अवैध खनन प्रभावित क्षेत्रों और गेप एरिया में प्लॉट तैयार कर ऑक्शन के लिए डेलिनियेशन लाएं तेजी-डीएमजी

जियोलोजी विंग को प्रतिमाह 1173 हैक्टेयर क्षेत्रफल के प्लॉट और 970 मीटर ड्रिलिंग के लक्ष्य
-ई-फाइलिंग सिस्टम में निष्पादन समय को न्यूनतम स्तर पर लाएं
-बंद व खनन कार्य पूरा हो चुकी खान क्षेत्रों में व्यापक प्लांटेशन कराएं


उदयपुर। निदेशक खान एवं भूविज्ञान श्री भगवती प्रसाद कलाल ने माइनर मिनरल प्लॉट्स के डेलिनियेशन के लिए प्राथमिकता से खनिज क्षेत्र चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए प्रदेश की निरस्त माइंस, राज्य सरकार को सरेण्डर की गई माइंस, लीज अवधि समाप्त हो चुकी माइंस और अन्य खनिज क्षेत्रों का चिन्हीकरण कर डेलिनियेशन के काम में तेजी लाई जाए। खान एवं भूविज्ञान विभाग के अधिकारियों से बुधवार और गुरुवार को वीसी के माध्यम से रुबरु होते हुए कलाल ने कहा कि अवैध खनन प्रभावित क्षेत्रों और गेप एरिया में डेलिनियेशन के काम को प्राथमिकता दी जाए ताकि ऐसे खनिज क्षेत्रों के प्लॉट तैयार कर ऑक्शन किया जा सके।


निदेशक माइंस कलाल ने कहा कि राज्य सरकार अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत काम कर रही हैं और मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा जिनके पास खान विभाग भी है अवैध खनन गतिविधियों को लेकर गंभीर है। मुख्य सचिव सुधांश पंत व खान सचिव श्रीमती आनन्दी विभागीय अधिकारियों के साथ ही जिला कलक्टरों से समन्वय बनाते हुए अभियान चलाकर कार्रवाई व उसकी मोनेटरिंग कर रहे हैं। सरकार का स्पष्ट मानना है कि खनिज बहुल क्षेत्रों में अवैध खनन को रोकने और वैध खनन को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक प्लॉट तैयार कर ऑक्शन किया जाना होगा।


श्री कलाल ने कहा कि विभाग की जियोलोजी विंग को प्रतिमाह माइनर मिनरल के आक्शन के लिए 1173 हैक्टेयर क्षेत्रफल के प्लॉट और मिनरलों की खोज के लिए प्रतिमाह 970 मीटर ड्रिलिंग के लक्ष्य दिए गए हैं। उन्होंने सभी 19 अधीक्षण भूविज्ञानी और वरिष्ट भूविज्ञानी कार्यालयों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि माइनिंग विंग व जियोलोजी विंग में परस्पर समन्वय सहयोग से ऑक्शन के लक्ष्यानुसार प्लॉट तैयार किये जाएं।


डीएमजी श्री कलाल ने रॉयल्टी प्रकरणों के बारें में कहा कि सिस्टम जेनरेटेड एसेसमेंट में से नियमानुसार 10 प्रतिशत एसेसमेंट का सत्यापन करें। उन्होंने बंद खानों व खनन कार्य पूरा हो चुकी खानों में भराव कराकर व्यापक स्तर पर प्लांटेशन कराने पर जोर दिया।


बैठक में ई-फाइलिंग, ई-डाक, ई-फाइल निष्पादन की चर्चा करते हुए निस्तारण समय को न्यूनतम स्तर पर लाने की आवश्यकता प्रतिपादित की। परिवेश पोर्टल में 31 जुलाई के पहले पहले फार्म 2 अपलोड करने केे निर्देश दिए।


वीसी में टीए देवेन्द्र गौड़ ने माइनिंग विंग व एडीजी एसएन डोडिया ने जियोलोजी विंग की प्रगति की जानकारी दी।


जियोलोजी विंग की वीसी के दौरान एडीजी से आलोक जैन, एसजी नितिन चौधरी, मनीष माथुर, पीडी सोनी, संजय दुबे, संजय सक्सेना, मनोज मीणा, श्री संजय गोस्वामी, सुशील हुडा सहित जियोलोजी विंग के एडीजी, एसजी अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
माइनिंग विंग की वीसी में एडीएम एमपी मीणा, बीएस सोढ़ा, एसएमई एनएस शक्तावत, ओपी काबरा, कमलेश्वर बारेगामा, सतीष आर्य सहित माइनिंग सेक्टर के एसएमई, एमई व एएमई स्तर के अधिकारियों ने प्रगति से अवगत कराया।

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