उदयपुर। उदयपुर नगर परिषद को पहली महिला सभापति स्व. श्रीमती किरण माहेश्वरी की गुरुवार को पुण्यतिथि है। उदयपुर के लोग उन्हें और उनकी राजनीति को कभी नहीं भूल पाएंगे।
साल 1995 में पार्षद का चुनाव जीतने का बाद ही उन्हें सभापति बनने का मौका मिल गया। इस पद पर आने के बाद किरण माहेश्वरी ने सियासत में ऊंची उड़ान भरी। उनकी खास बात यह थी कि सियासत में ऊंचाई पर पहुंचने के बाद उन्होंने उदयपुर व उदयपुर के लोगों को नहीं भूला। अपनी राजनीति के शुरुआती दौर में श्रीमती माहेश्वरी गुलाबचंद कटारिया के करीबी रहीं, लेकिन ऊंचाई पर पहुंचने पर कुछ उनकी महत्वाकांक्षा के कारण कटारिया के बीच दूरियां बढ़ती गईं। एक दूसरे के समर्थकों ने इसमें आग में घी डालने का काम किया।
इसका नतीजा यह हुआ कि उदयपुर से सांसद चुने जाने और उदयपुर सीट परिसीमन में आरक्षित होने पर किरण माहेश्वरी को राजसमंद जाना पड़ा। इसके बाद किरण वहां से विधायक चुनीं गईं और मंत्री भी बनीं। उन पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे लेकिन कभी साबित नहीं हुए।
मेवाड़ के दिग्गज नेता गुलाबचंद कटारिया के राज्यपाल बनाए जाने के बाद उदयपुर से किरण माहेश्वरी ही सबसे प्रबल दावेदार होती। हाल ही हुए चुनाव में उनके समर्थकों ने उन्हें इसके लिए याद भी किया। बहरहाल कोरोनाकाल में श्रीमती माहेश्वरी का असामयिक निधन हो गया था।
बीजेपी नेता वासुदेव देवनानी ने उनकी पुण्यतिथि पर भाजपा की वरिष्ठ नेत्री एवं पूर्व मंत्री राजस्थान सरकार स्वर्गीय श्रीमती किरण माहेश्वरी को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने ट्वीट किया है कि प्रदेश की राजनीति में उनकी भूमिका अविस्मरणीय रहेगी।
About Author
You may also like
-
भाजपा में ‘बर्थडे पॉलिटिक्स’ का नया अध्याय — शहर विधायक ताराचंद जैन के जन्मदिन पर सीएम ने भी उदयपुर आकर मुंह मीठा कराया
-
बीजेपी में जमीन के कारोबार पर उठे सवाल : यूडीए ने सरकारी जमीन पर बने 72 निर्माण और 50 दीवारें गिराईं, आरोप नेताओं पर — पार्टी क्यों मौन?
-
Anunay Sood: Who Was He? : Gen-Z की ट्रैवल इंस्पिरेशन, और 32 की उम्र में अचानक गुडबाय
-
GTA VI’ delayed again, new release date set for November next year
-
Gen-Z का नया क्रेज : भजन क्लबिंग — जहां EDM मिलता है भक्ति से!