साहित्य संरक्षण व संवर्धन की दिशा में सूचना केन्द्र की मुहिम ला रही रंग

मेवाड़ के साहित्यकारों की सर्जनाओं पर तैयार हो रही साहित्य गैलेरी
साहित्यकार कुंदनमाली ने भेंट की अपनी रचनाएं

उदयपुर। मेवाड़ के साहित्यकारों द्वारा सृजित सर्जनाओं का लाभ स्थानीय युवा पाठकों व पत्रकारों को लाभांवित कराने के उद्देश्य से उदयपुर के सूचना केन्द्र में मेवाड़ के साहित्यकारों की एक गैलेरी बनाई जा रही है। इस गैलेरी में कई साहित्यकारों की रचनाओं को सहेजकर रखते हुए युवाओं को मेवाड़ के साहित्य से अभिभूत करवाया जाएगा। मेवाड़ के साहित्यकारों को भी इस मुहिम को समर्थन दिया जा रहा है और पुस्तकें भेंट की जा रही है।


गुरुवार को उदयपुर के ख्यातनाम साहित्यकार कुंदन माली ने अपनी प्रतिनिधि पुस्तकें सूचना केन्द्र के संयुक्त निदेशक डॉ. कमलेश शर्मा को भेंट की और इसे युवा पाठकों के हित में उपयोग का आह्वान किया।
डॉ. शर्मा ने बताया कि मेवाड़ के एतिहासिक परिपेक्ष्य और संस्कृति पर आधारित इस साहित्य रचनाओं से यहां के पाठकों को उपयोगी जानकारी मिल सकेगी और यह साहित्य संरक्षण व संवर्धन की दिशा में अनूठा कार्य होगा। उन्होंने बताया कि मेवाड़ के अन्य साहित्यकारों से भी आह्वान किया गया है कि वे अपनी-अपनी रचनाएं इस गैलरी में उपलब्ध कराते हुए इसे समृद्ध बनावें ताकि इसका उपयोग साहित्यकारों और शोधार्थियों द्वारा किया जा सके।


डॉ. शर्मा ने बताया कि कुंदन माली द्वारा भेंट की गई प्रमुख रचनाओं यह दुनिया तुम्हारे बाद, वस्तुतः घर इक नाम भरोसे का, तात्पर्य, कविता की गुल्लक, जग रो लेखो, कवितानामौ, विश्वनाथ प्रसाद री टालवी कवितावां, समकालिका राजस्थानी काव्य : संवेदन अर सिल्प, सर्जन का अंतरंग, इतने दिनों तक, अंजल पाणी आदि शामिल है।


उल्लेखनीय है कि उदयपुर के टेकरी निवासी कुंदन माली गुजरात युनिवर्सिटी से अंग्रेजी के रिटायर्ड प्र्रोफेसर है और केन्द्रीय राहित्य अकादमी, राजस्थान साहित्य अकादमी, नई दिल्ली साहित्य अकादमी तथा गुजरात हिन्दी साहित्य अकादमी आलोचना पुरस्कार से पुरस्कृत भी हैं।

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