उदयपुर में बारिश : फतहसागर और उदयसागर के गेट खोले, कोटड़ा के स्कूलों में अवकाश, खेतों में पानी भरा

उदयपुर | मेवाड़ की झीलों की नगरी उदयपुर में मौसम ने दो दिन से अपना रूप बदला हुआ है। सोमवार रात से शुरू हुई तेज़ बारिश मंगलवार को भी जारी रही। शहर से लेकर ग्रामीण अंचल तक बादलों ने डेरा डाल रखा है। इस बारिश ने जहां झीलों और बांधों का जलस्तर बढ़ा दिया, वहीं खेतों में भी पानी भर गया है। लगातार हो रही बरसात के कारण प्रशासन को फतहसागर और उदयसागर झीलों के गेट खोलने पड़े।

जल संसाधन विभाग की कनिष्ठ अभियंता दीपिका नागदा ने जानकारी दी कि फतहसागर झील के तीन गेट आज सुबह दो-दो इंच तक खोले गए हैं। झील में पानी की आवक लगातार बनी हुई है, इसलिए रात को भी एक बार गेट खोले गए थे। यह पानी आयड़ नदी के रास्ते उदयसागर झील में जा रहा है।

उधर, उदयसागर बांध में भी तेज़ आवक बनी हुई है। विभाग के अनुसार, उदयसागर बांध के दोनों गेट आज सुबह तीन-तीन फीट तक खोल दिए गए। एक दिन पहले इन्हें छह-छह इंच तक खोला गया था, लेकिन कैचमेंट एरिया में तेज़ बारिश से जलस्तर तेजी से बढ़ने पर यह फैसला लेना पड़ा।

प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि बेड़च नदी के बहाव क्षेत्र में किसी भी प्रकार की गतिविधि न करें। उदयसागर का पानी बेड़च नदी के ज़रिए वल्लभनगर की दिशा में बढ़ रहा है, ऐसे में रपट या बहते पानी को पार करने का प्रयास न करने की चेतावनी दी गई है।

उदयपुर और सलूंबर जिलों में मंगलवार को भी बरसात का सिलसिला जारी रहा। सोमवार रात के बाद मंगलवार सुबह करीब 10 बजे तक तेज़ बारिश हुई। इसके बाद भी रुक-रुककर बूंदाबांदी का दौर चलता रहा। मावली, कुराबड़, लसाड़िया, सराडा, झल्लारा और सलूंबर में बीते 24 घंटे में 12 से 39 मिलीमीटर तक बारिश दर्ज की गई। इससे झीलों में पानी की आवक में सुधार हुआ है।

शहर के कई हिस्सों में सड़कों पर पानी भर गया है। शोभागपुरा रोड, दिल्ली गेट, और सुभाष नगर जैसे इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। प्रशासनिक टीमें लगातार निगरानी में जुटी हैं। वहीं, आमजन को आवागमन में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

बारिश ने किसानों को राहत दी है। विशेष रूप से कानोड़ क्षेत्र के लहसुन और गेहूं के खेतों में पानी भरने से फसल की स्थिति सुधरने की उम्मीद जगी है। हालांकि, कुछ निचले इलाकों में जलभराव से नुकसान की आशंका भी जताई जा रही है।
किसान शंभूलाल मीणा ने बताया, “कई दिनों से सूखा था, लेकिन अब खेतों में नमी लौट आई है। अगर यह बारिश दो-तीन दिन और होती रही तो रबी फसल के लिए वरदान साबित होगी।”

उधर, डबोक क्षेत्र का डबोक तालाब पूरी तरह ओवरफ्लो हो गया है। झीलों और तालाबों के किनारे स्थानीय लोग बारिश का नज़ारा देखने उमड़ रहे हैं।

कोटड़ा में सभी स्कूलों में अवकाश घोषित

तेज़ बारिश का सबसे सीधा असर कोटड़ा उपखंड क्षेत्र पर पड़ा है। लगातार हो रही वर्षा के कारण कोटड़ा के सभी राजकीय और निजी विद्यालयों में मंगलवार को एक दिन का अवकाश घोषित कर दिया गया। उपखंड अधिकारी मुकेश मीणा ने आदेश जारी करते हुए कहा कि “बारिश के कारण कई ग्रामीण मार्ग बाधित हो गए हैं, बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।”
यह आदेश प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12वीं तक के सभी सरकारी व निजी विद्यालयों, साथ ही आंगनवाड़ी केंद्रों पर भी लागू रहेगा। शिक्षण स्टाफ को हालांकि विद्यालय में उपस्थिति दर्ज करानी होगी।

गांवों का रास्ता बाधित, लोग घरों में कैद

उदयपुर के ग्रामीण इलाकों में बारिश ने जनजीवन प्रभावित कर दिया है। वल्लभनगर इलाके के रुंडेडा गांव में पानी के बहाव से मुख्य मार्ग बाधित हो गया है। माल क्षेत्र से होकर आने वाला पानी गांव के आजाद नगर और हॉस्पिटल रोड से होकर तालाब में मिल रहा है, जिससे आवागमन ठप हो गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव के बीचों-बीच से पानी गुजरने के कारण दुकानों और घरों में भी नमी भर गई है।

प्रशासन ने जेसीबी और राहत दलों को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। अगर बारिश का सिलसिला यूं ही जारी रहा तो निचले इलाकों को खाली कराने की योजना भी बनाई जा सकती है।

मौसम विभाग का अलर्ट

मौसम विभाग ने उदयपुर संभाग के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटे तक शहर और आसपास के क्षेत्रों में रुक-रुककर बारिश जारी रहेगी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की जयपुर शाखा ने चेतावनी दी है कि “अरावली पर्वतमाला के दक्षिणी हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश” की संभावना है। साथ ही बिजली गिरने और हवाओं की गति बढ़ने की भी आशंका जताई गई है।

जल संसाधन विभाग की चौकसी

जल संसाधन विभाग की टीमें लगातार झीलों के जलस्तर पर नज़र रखे हुए हैं। अधिकारीयों के अनुसार, फतहसागर और उदयसागर के बाद अगर बारिश का सिलसिला जारी रहा तो रूपसागर और पिछोला के गेट भी खोले जा सकते हैं।
विभाग ने यह भी कहा है कि “किसी भी अप्रत्याशित स्थिति के लिए सभी निचले इलाकों को अलर्ट पर रखा गया है, और जल प्रवाह मार्गों की सफाई कराई जा रही है।”

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