पुलिस एडवाइजरी जारी: अनजान लिंक पर निवेश न करें; 1930 पर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं
जयपुर। वर्तमान समय में साइबर अपराधों में तेज़ी से वृद्धि हुई है, जहाँ अपराधी भोले-भाले नागरिकों को उच्च रिटर्न और कम समय में दोगुने लाभ का झांसा देकर उनकी मेहनत की कमाई ठग रहे हैं। पुलिस ने इन जालसाजियों के नए तरीकों और उनसे बचने के उपायों के बारे में नागरिकों को सचेत किया है।
उपमहानिरीक्षक साइबर क्राइम विकास शर्मा ने बताया कि साइबर अपराधी लोगों को फंसाने के लिए सोशल मीडिया, व्हाट्सऐप ग्रुप, टेलीग्राम चैनल और नकली वेबसाइटों का उपयोग कर रहे हैं। उनकी मुख्य चालें इस प्रकार हैं:
1. उच्च रिटर्न का झांसा ~ कम समय में दोगुना या बहुत अधिक लाभ का वादा करना।
2. नकली वेबसाइट/एप ~ असली कंपनियों जैसी दिखने वाली नकली साइट या एप बनाकर निवेश कराना।
3. सोशल मीडिया प्रचार ~ व्हाट्सऐप या टेलीग्राम पर आकर्षक लिंक भेजकर लोगों को जोड़ना।
4. डीपफेक/फर्जी वीडियो ~ किसी प्रसिद्ध व्यक्ति के नाम या चेहरे का गलत उपयोग करके फर्जी वीडियो बनाना।
5. नकली तात्कालिक सूचना ~ अभी भुगतान न करने पर अवसर छूट जाएगा या खाता ब्लॉक हो जाएगा जैसी धमकियाँ देना।
6. छोटी रकम से शुरुआत ~ पहले छोटा लाभ दिखाकर भरोसा जीतना और फिर अधिक पैसा निवेश करवाना।
7. निरंतर संपर्क ~ कॉल और मैसेज के जरिए भरोसा जीतने की कोशिश
● *फर्जी एप/वेबसाइटों के संकेत*
यदि आप किसी निवेश प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं, तो इन संकेतों से तुरंत सतर्क हो जाएं:
• स्क्रीन पर लाभ या बैलेंस तेज़ी से बढ़ता दिखेगा, लेकिन जब आप उस राशि को निकालने की कोशिश करेंगे तो वह अटक जाएगा।
• रियल-टाइम ग्राफ और ट्रांजैक्शन सूची नकली होगी, जिसमें ट्रांजैक्शन आईडी नकली या दोहराए हुए हो सकते हैं।
• वेबसाइट पर कोई नियामक लाइसेंस/रजिस्ट्रेशन की जानकारी नहीं होगी या संपर्क विवरण अस्पष्ट होंगे।
• अभी जमा करें बटन के साथ बार-बार प्रायोजित ऑफर और बोनस दिखाए जाएंगे।
*जांच का महत्वपूर्ण संकेत*
यदि धोखेबाज ने आपको किसी भारतीय नंबर से संपर्क किया है, तो उस नंबर पर सामान्य कॉल करके जाँच करें। यदि कॉल करने पर बताया जाता है कि नंबर नही लगे या स्विच ऑफ है, तो यह लगभग निश्चित है कि वह नंबर साइबर अपराधी द्वारा उपयोग लिया जा रहा है। ऐसे में धनराशि भेजने से बचें और तुरंत रिपोर्ट करें।
*नागरिकों के लिए सुझाव*
1. किसी भी अनजान लिंक या एप पर निवेश करने से बचें।
2. सरकारी या अधिकृत संस्थानों की आधिकारिक वेबसाइट/एप से ही जानकारी लें।
3. किसी भी योजना में पैसा लगाने से पहले परिवार या वित्तीय विशेषज्ञ से सलाह लें।
4. ऐप/वेबसाइट के स्क्रीनशॉट, भुगतान आईडी, कॉल-लॉग और संदेश तुरंत सुरक्षित कर लें, जो शिकायत के लिए महत्वपूर्ण सबूत बनेंगे।
डीआईजी श्री शर्मा ने बताया कि जल्दी अमीर बनने वाली योजनाएँ अक्सर धोखाधड़ी होती हैं। यदि आप इस प्रकार की घटना का शिकार होते हैं, तो इसकी सूचना तुरंत निम्नलिखित माध्यमों से दें:
• साइबर हेल्प लाइन नंबर: 1930
• साइबर हेल्प डेस्क नंबर: 92560-01930 और 925751-10100
• ऑनलाइन रिपोर्टिंग पोर्टल: https://cybercrime.gov.in
• निकटतम पुलिस स्टेशन / साइबर पुलिस स्टेशन।
————–
About Author
You may also like
-
चित्तौड़गढ़ : बैंक के सामने से 93 साल के बुजुर्ग को अगवा कर लूटने वाले दो लुटेरे गिरफ्तार
-
कोटा पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के चंगुल से गुजरात के दो व्यापारियों को बचाया
-
नाबालिग बच्ची के अपहरण का सनसनीखेज खुलासा: झालावाड़ पुलिस ने गुजरात ले जाई जा रही बच्ची को बचाया
-
इस क्राइम स्टोरी में लालच, धोखा और बदले की आग सब कुछ है…पुलिस ने बड़ी साजिश बनने से पहले ही कर दिया नाकाम
-
आरडीएक्स क्लब कांड : मारपीट, लापरवाही और पुलिस की साख पर सवाल