नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने नए अधिनियम के तहत पेपर लीक जैसी समस्या को हल करने के लिए कठोर कार्रवाई का निर्णय लिया है। इस अधिनियम के तहत, पेपर लीक या अन्य अनुचित साधनों का उपयोग करने वालों को 10 साल की कठोर जेल और एक करोड़ रुपए का जुर्माना हो सकता है। यह कदम सरकार का प्रयास है कि परीक्षाओं की सुरक्षा और विश्वसनीयता में सुधार लाया जाए और पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोका जा सके।
मुख्य प्रावधान :
1. कड़ी सजा : इस कानून के तहत पेपर लीक या अन्य अनुचित साधनों का उपयोग करने पर दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों को 10 साल की जेल और 1 करोड़ रुपये का जुर्माना हो सकता है।
2. राष्ट्रपति की मंजूरी : राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने चार महीने पहले लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) अधिनियम, 2024 को मंजूरी दी थी, जिसे अब अधिसूचित कर लागू कर दिया गया है।
3. कानून की अधिसूचना : कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार को इस कानून की अधिसूचना जारी कर दी है, जिससे यह पूरे देश में प्रभावी हो गया है।
संदर्भ और प्रभाव
इस कानून को यूजीसी-नेट 2024 परीक्षा के पेपर लीक पर बढ़ते विवाद और छात्रों के विरोध प्रदर्शनों के बीच लागू किया गया है। यह कदम सरकार की ओर से परीक्षाओं की विश्वसनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयासों का हिस्सा है। इस कानून के लागू होने से उम्मीद है कि परीक्षा प्रणाली में सुधार होगा और पेपर लीक जैसी घटनाओं पर कड़ी लगाम लगेगी।
About Author
You may also like
-
बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु की शादी और उदयपुर के पर्यावरण पर सवाल
-
लय और सुर के जादूगर, उस्ताद जाकिर हुसैन, हमेशा के लिए खामोश
-
आज की प्रमुख हेडलाइंस…यहां पढ़िए
-
India-Bangladesh Border Tensions : यूनुस सरकार ने बॉर्डर पर तैनात किया खतरनाक ड्रोन, हाई अलर्ट पर भारत
-
सुप्रीम कोर्ट का संभल जामा मस्जिद मामले में अहम आदेश: सिविल कोर्ट की सुनवाई पर रोक, शांति बनाए रखने का निर्देश