खनन में नई क्रांति : हिन्दुस्तान ज़िंक की जावर माइंस में सुरक्षा और तकनीकी उत्कृष्टता पर मंथन

उदयपुर। खनन क्षेत्र में सुरक्षा और तकनीकी नवाचार को नए आयाम देने के उद्देश्य से हिन्दुस्तान ज़िंक की जावर ग्रुप ऑफ माइंस ने खान सुरक्षा महानिदेशालय (DGMS) के तत्वावधान में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यक्रम जावर माइंस के एक्जीक्यूटिव क्लब में आयोजित हुआ, जिसमें हैवी अर्थ मूविंग मशीनरी (HEMM) में तकनीकी प्रगति पर विशेषज्ञों ने गहन विचार-विमर्श किया।

कार्यक्रम में डीजीएमएस के वरिष्ठ अधिकारी, ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (OEM) पार्टनर्स और हिन्दुस्तान ज़िंक की तकनीकी टीमों ने खनन क्षेत्र में सुरक्षा, नवाचार और परिचालन उत्कृष्टता पर प्रस्तुतियाँ दीं और इंटरैक्टिव सत्रों में भाग लिया।

इस अवसर पर डीडीजी-डीजीएमएस आर. टी. मंडेकर, डीएमएस-डीजीएमएस जे. पी. वर्मा, संदीप श्रीवास्तव, विनोद राजक, टॉम मैथ्यू, संकेत कुमार, समीर सौरभ, के. विजय कुमार और तम्मल्ला वासु सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्तान ज़िंक की ओर से सीओओ किशोर एस और आईबीयू सीईओ (जावर) अंशुल कुमार खंडेलवाल ने कार्यक्रम में भाग लिया।

कार्यशाला में प्रतिभागियों ने खनन कार्यों में सुरक्षा मानकों को और बेहतर बनाने, ओईएम रखरखाव की सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने, टकराव से बचाव (Collision Avoidance Systems) जैसी आधुनिक तकनीकों को लागू करने और भूमिगत खनन उपकरणों में स्वचालन एवं डिजिटल समाधान एकीकृत करने पर विचार साझा किए।

सत्रों में नियामक अनुपालन, डीजीएमएस अनुमोदन प्रक्रियाएँ, और सुरक्षा तंत्र के मानकीकरण जैसे विषयों को भी प्रमुखता से शामिल किया गया, ताकि खनन परिचालन में विश्वस्तरीय सुरक्षा मानक स्थापित किए जा सकें।

यह कार्यशाला न केवल तकनीकी नवाचार और परिचालन उत्कृष्टता की दिशा में एक सशक्त कदम है, बल्कि यह हिन्दुस्तान ज़िंक की उस प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करती है जिसके तहत कंपनी सुरक्षित, कुशल और स्थायी खनन को अपना प्रमुख लक्ष्य मानती है।

जानकारी के आदान-प्रदान और उद्योग सहयोग को प्रोत्साहित करने की इस पहल ने कंपनी के “Zero Harm, Sustainable Mining” विज़न को और मजबूती प्रदान की है।

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