
कंपनी बनी 2.41 गुना वाटर पॉजिटिव
उदयपुर। वर्ल्ड वाटर डे के मौके पर, हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने जल संरक्षण की दिशा में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वित्त वर्ष 2024 में कंपनी ने 1800 करोड़ लीटर से अधिक पानी को रीसाइकल किया, जो राजस्थान में करीब 1 लाख घरों के वार्षिक जल उपयोग के बराबर है।
राजस्थान जैसे जल संकट से प्रभावित राज्य में काम कर रही हिन्दुस्तान जिंक सस्टेनेबल वाटर मैनेजमेंट की दिशा में लगातार प्रयासरत है। कंपनी ने 2.41 गुना वाटर पॉजिटिव स्टेटस हासिल किया है और ‘जीरो लिक्विड डिस्चार्ज’ नीति को अपनाया है, जिससे जल अपशिष्ट को पूरी तरह खत्म करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
जल संरक्षण के लिए नई पहल

हिन्दुस्तान जिंक ने राजस्थान के विभिन्न जिलों में जल प्रबंधन से जुड़ी योजनाओं की शुरुआत की है। आने वाले सप्ताह में रामपुरा आगुचा में 4,000 किलोलीटर प्रतिदिन (केएलडी) क्षमता वाला जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्लांट शुरू किया जाएगा। इसके अलावा, चंदेरिया, दरीबा, देबारी और जावर में भी जल संरक्षण के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
सामुदायिक जल प्रबंधन परियोजनाएं
भीलवाड़ा जिले के आगुचा पंचायत में तालाबों के जीर्णोद्धार से 25,000 लोगों को लाभ मिलेगा। राजसमंद में 4 तालाबों की क्षमता 550 लाख लीटर बढ़ाई गई है, जिससे 10,000 से अधिक लोग प्रभावित होंगे। चंदेरिया में लिफ्ट सिंचाई योजना से 100 किसानों को लाभ मिला है और 50 एकड़ भूमि पर नकदी फसलों की खेती को बढ़ावा दिया गया है।
शहरों में जल संरक्षण की दिशा में कदम
हिन्दुस्तान जिंक ने उदयपुर में राजस्थान का पहला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित किया है, जिससे हर दिन 600 लाख लीटर अपशिष्ट जल का शुद्धिकरण किया जा रहा है। यह पहल झीलों को स्वच्छ रखने के साथ ही कंपनी के परिचालन के लिए पुनः उपयोग योग्य जल की आपूर्ति सुनिश्चित करती है।
महिला सशक्तिकरण और जल उपलब्धता
राजसमंद जिले में ‘जल सखी’ पहल के तहत महिलाओं को जल प्रबंधन से जोड़ा गया है। इस योजना के माध्यम से 50,000 से अधिक लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा, हिन्दुस्तान जिंक ने जल संकटग्रस्त गांवों में 150 लाख लीटर पानी की टैंकरों से आपूर्ति की है।
हिन्दुस्तान जिंक का वैश्विक योगदान
हिन्दुस्तान जिंक, वेदांता समूह की एक कंपनी है और विश्व की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी है। यह भारत के जस्ता बाजार में 75% की हिस्सेदारी रखती है और 40 से अधिक देशों को आपूर्ति करती है। हाल ही में, कंपनी को एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2024 में मेटल और माइनिंग श्रेणी में दुनिया की सबसे सस्टेनेबल कंपनी के रूप में मान्यता मिली है।
जल संरक्षण और सस्टेनेबल विकास की दिशा में हिन्दुस्तान जिंक की यह पहल पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने और जल संकट के समाधान में अहम भूमिका निभा रही है।
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