उदयपुर, 2 अगस्त – विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में महाराणा भूपाल अस्पताल की अधीक्षक डॉ. आरएल सुमन ने 6P मॉडल के माध्यम से स्तनपान में मौजूद अंतर को दूर करने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि इस मॉडल के तहत:
- पॉलिसी – अस्पताल में स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए एक स्पष्ट नीति होनी चाहिए।
- प्रॉमिज – मां द्वारा स्तनपान के प्रति किए गए वादे को पूरा करना।
- प्रोग्राम डाटा मॉनिटर – स्तनपान से संबंधित आंकड़ों की निगरानी।
- पॉलिसी प्रोग्राम इंडिकेटर मॉनिटरिंग – पॉलिसी की प्रभावशीलता की निगरानी।
- पॉइंट ऑफ डिलीवरी केयर स्टाफ की ट्रेनिंग – प्रसव के समय देखभाल स्टाफ को प्रशिक्षित करना।
- पेरीफेरल हेल्थ वर्कर्स स्टाफ की ट्रेनिंग – आसपास के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देना।
डॉ. सुमन ने बताया कि NFHS-5 के आंकड़ों के अनुसार, स्तनपान के महत्वपूर्ण मानकों में सुधार की आवश्यकता है। संगोष्ठी में पन्नाधाय जनाना अस्पताल, बाल चिकित्सालय और कुपोषण वार्ड के स्टाफ के लिए प्रशिक्षण सत्र और क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। क्विज मास्टर डॉक्टर बी.एल. मेघवाल ने प्रश्नोत्तरी के बाद स्टाफ की जिज्ञासाओं का समाधान किया।
यूनिसेफ की न्यूट्रीशन स्पेशलिस्ट वनिता दत्त ने सभी को स्तनपान को प्रमोट करने के लिए जागरूक किया और कहा कि सही समय पर स्तनपान से बच्चों का समग्र विकास संभव है। भारतीय शिशु अकादमी के अध्यक्ष डॉक्टर भूपेश जैन ने अस्पताल की गतिविधियों पर प्रकाश डाला और नीतू बेनीवाल ने भविष्य की योजना की जानकारी दी।
पन्नाधाय जनाना अस्पताल में प्रतिदिन 50-60 डिलीवरी होती हैं और यहाँ के आंकड़े बताते हैं कि पहले घंटे में स्तनपान की दर 70% से ऊपर पहुंच चुकी है, जो पूरे राजस्थान में सबसे उच्च है। संगोष्ठी में पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. पोसवाल, विभागाध्यक्ष डॉ. मोहम्मद आसिफ, डॉक्टर अनुराधा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
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