उदयपुर। थाना कानोड़ इलाके के बड़ापुरा निवासी युवक मदन मोहन उर्फ टोनी पाटीदार पुत्र कैलाश चंद्र (30) की हत्या का खुलासा कर पुलिस ने आरोपी राजू उर्फ राजमल गुर्जर पुत्र बालू (31), पुष्पेंद्र सिंह उर्फ पप्पी पुत्र निर्भय सिंह (31) व रतन सिंह उर्फ रतन पुत्र किशन सिंह देवड़ा (28) निवासी थाना डूंगला जिला चित्तौड़गढ़, अनीश पुत्र मोहम्मद अजीज (24) निवासी थाना भदेसर जिला चित्तौड़गढ़ एवं महिला अंजू उर्फ हिना पत्नी शिव सिंह भिलाला (30) निवासी जीरापुर जिला राजगढ़ मध्य प्रदेश को गिरफ्तार किया है।
एसपी भुवन भूषण यादव ने बताया कि 2 फरवरी को भिंडर सीएचसी से सूचना मिलने पर एसएचओ पुनाराम गुर्जर मय टीम के मौके पर पहुंचे। एक अज्ञात युवक की लाश मिली, जिसके शरीर पर जगह-जगह चोट के निशान थे। पुलिस ने आसपास लोगों से पूछताछ और सोशल मीडिया पर क्षेत्र के विभिन्न ग्रुप में फोटो शेयर कर पहचान सुनिश्चित की। मृतक की पहचान होने पर उसके परिजनों को सीएचसी बुलाया गया।
मृतक के पिता कैलाश चंद्र पाटीदार ने रिपोर्ट दी की 1 फरवरी की सुबह 9:00 बजे मदन मोहन बाइक लेकर कानोड़ रेलवे स्टेशन स्थित अपनी दुकान पर गया था। रात को घर नहीं लौटने पर मोबाइल पर कॉल किया तो सम्पर्क नही हुआ। रात होने पर कई बार मदन मोहन दुकान पर ही सो जाता था। अगले दिन सीएससी भिंडर से उन्हें घटना का पता चला। पिता की रिपोर्ट पर अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई।
घटना की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी एव घटना के खुलासे के लिए एसपी यादव द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ प्रियंका व सीओ रविंद्र प्रताप सिंह के निर्देशन एवं सहायक पुलिस अधीक्षक मावली मनीष कुमार आईपीएस के नेतृत्व में एसएचओ पुनाराम गुर्जर व एसएचओ कानोड़ मनीष कुमार खोईवाल की टीम गठित की गई। जिनमे साइबर सेल को सम्मिलित किया गया।
मृतक मदन मोहन उर्फ टोनी को कुछ युवक हॉस्पिटल छोड़कर गए थे। घटनास्थल पर मिले सीसीटीवी फुटेज एवं वाहन नंबर से पुलिस ने वाहन मालिक रतन सिंह एवं उसके साथी राजू गुर्जर, पुष्पेंद्र सिंह की पहचान कर तलाश शुरू की। आरोपी मुख्य मार्गो को छोड़ कच्चे रास्तों से राजस्थान से बाहर मध्य प्रदेश एवं गुजरात की तरफ निकल गए थे। गठित विशेष टीमों द्वारा राजस्थान, मध्य प्रदेश व गुजरात में लगातार मोर्चाबंदी की जाकर सभी संभावित ठिकानों पर दबिश देकर महिला समेत पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में सामने आया कि स्टेशन रोड पर किराने की दुकान के साथ ही शराब के ठेकों में साझेदारी होने के कारण मदन मोहन उर्फ टोनी की आर्थिक स्थिति अच्छी थी। गिरोह के मुख्य संरगना राजू गुर्जर ने पैसे हड़पने के लिए हनी ट्रैप की योजना बनाई और और इसमें अपने साथी पुष्पेंद्र सिंह, रतन सिंह, अनीश, साजिद के साथ मध्य प्रदेश की जीरापुर निवासी अंजू उर्फ हिना को मिला लिया। आरोपियों ने अंजू को एक मोबाइल और सिम उपलब्ध कराई और 15 दिन पहले चित्तौड़गढ़ बुला एक होटल में रुकवा मदन मोहन से जान पहचान कराई।
1 फरवरी को अंजू ने कॉल कर बताया कि वह चित्तौड़गढ़ आबरी माता मंदिर के दर्शन करने आ रही है और मिलने का ऑफर दिया। मदन मोहन सुबह अपने घर से बाइक लेकर अंजू की होटल पहुंचा और उसे बाइक पर लेकर निकला। योजना के अनुसार रास्ते में साजिद और उसके दोस्तों ने मदन मोहन को रुकवाया और अंजू को अपनी भाभी बता कर उसके साथ मारपीट की और रेप केस में फसाने की धमकी दी।
अगली योजना के अनुसार साजिद ने वहां राजू गुर्जर, पुष्पेंद्र सिंह और रतन सिंह को बुलाया। जिन्होंने मदन मोहन से ₹6 लाख दिलाने के लिए आश्वस्त किया। इलाज के लिए आरोपी मदन मोहन उर्फ टोनी को महात्मा हॉस्पिटल डूंगला लेकर गए। जहां इलाज करवा कर ₹6 लाख की व्यवस्था होने तक अपने पास ही रखा।
अगले दिन 2 फरवरी की सुबह मदन मोहन के छाती में दर्द होने के कारण उसने बोलना बंद कर दिया तो आरोपी उसे फिर इलाज के लिए भिंडर आरोग्यंम हॉस्पिटल लेकर गए और वहां से सीएचसी भिंडर लेकर गए। जहां मौत होने के कारण लाश को वहीं छोड़कर राजू और उसके साथी मौके से फरार हो गए। राजू गुर्जर और उसके साथी पूर्व में भी इसी प्रकार से डूंगला, भादसोड़ा, सांवलियाजी एवं असावरा चित्तौड़गढ़ में वारदात को देकर लाखों रुपए लोगों से ऐंठ चुके हैं।
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